भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की वापसी के साथ ही कश्मीर मुद्दा पूरी तरह से हल हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने कश्मीर में स्थिरता और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें अनुच्छेद 370 का हटाना, विकास परियोजनाओं को पुनर्जीवित करना और चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करना शामिल हैं।
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि अब केवल पीओके की वापसी का इंतजार है, जो अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है। उनके अनुसार, जब यह क्षेत्र भारत में वापस आ जाएगा, तो कश्मीर मुद्दा पूरी तरह सुलझ जाएगा।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य का वह हिस्सा है, जिस पर 1947-48 के भारत-पाक युद्ध के बाद से पाकिस्तान का कब्जा है। इसका क्षेत्रफल लगभग 13,297 वर्ग किलोमीटर है और वर्तमान में इसकी जनसंख्या लगभग 40 लाख मानी जाती है। पाकिस्तान ने इसे ‘आज़ाद जम्मू और कश्मीर’ और ‘गिलगित-बाल्टिस्तान’ नामक दो हिस्सों में विभाजित कर रखा है।
भारत हमेशा से पीओके को अपना अभिन्न हिस्सा मानता आया है और पाकिस्तान के कब्जे को अवैध करार देता है। जयशंकर का यह बयान भारत की उसी नीति की पुनर्पुष्टि है, जिसमें पीओके की वापसी को कश्मीर समस्या के समाधान की कुंजी माना गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत सरकार कश्मीर में स्थिरता और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और पीओके की वापसी को अंतिम समाधान के रूप में देखती है।