रांचीः झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। अमन साहू पर हत्या, रंगदारी, अपहरण और एक्सटॉर्शन जैसे गंभीर अपराधों के 100 से अधिक मामले दर्ज थे। उसकी गिरफ़्तारी और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए झारखंड पुलिस लंबे समय से प्रयासरत थी।

कैसे हुआ एनकाउंटर?

पुलिस अमन साहू को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से झारखंड की राजधानी रांची ला रही थी। इसी दौरान पलामू जिले के चैनपुर-रामगढ़ रोड स्थित अन्हारी ढ़ोढ़ा घाटी के पास अमन के साथियों ने पुलिस वाहन पर बम से हमला कर दिया। हमले का उद्देश्य अमन को पुलिस हिरासत से छुड़ाना था।

इस हमले के दौरान अमन ने मौके का फायदा उठाकर एक पुलिसकर्मी से इंसास राइफल छीन ली और फायरिंग करने का प्रयास किया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया। इस घटना में एक हवलदार घायल हो गया, जिसका इलाज मेदिनीनगर के MMCH में चल रहा है।

अमन साहू का आपराधिक इतिहास

अमन साहू ने 2013 में अपना खुद का गैंग बनाया था। इससे पहले वह नक्सली गतिविधियों में भी सक्रिय था। उसके नेटवर्क का फैलाव न केवल झारखंड बल्कि दूसरे राज्यों में भी था। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ उसके संबंध भी चर्चा में रहे हैं। वह बिश्नोई गैंग के लिए गुर्गे सप्लाई करता था और बदले में आधुनिक हथियार प्राप्त करता था।

हाल ही की घटनाएं

हाल ही में, 8 मार्च को हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव की हत्या में अमन साहू का नाम सामने आया था। इस हत्याकांड के बाद से पुलिस लगातार उसकी तलाश में थी।

पुलिस की सफलता

इस मुठभेड़ को अंजाम देने वाले झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रमोद कुमार सिंह (पीके) हैं। उनकी तत्परता और साहस ने इस खतरनाक अपराधी का खात्मा किया। इस एनकाउंटर के बाद से राज्य में अपराधियों में दहशत का माहौल है।

अमन साहू के मारे जाने से झारखंड में अपराध जगत को बड़ा झटका लगा है। पुलिस और कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने के प्रयास में यह एक अहम कदम माना जा रहा है। राज्य की जनता ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है।

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