कांडला-गोरखपुर एलपीजी पाइपलाइन (KGPL) भारत की ऊर्जा अवसंरचना को सुदृढ़ करने की एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसकी कुल लंबाई 2,757 किलोमीटर होगी और इसकी अनुमानित लागत ₹9,000 से ₹10,000 करोड़ के बीच है। यह पाइपलाइन गुजरात के कांडला बंदरगाह से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तक फैलेगी और मध्य प्रदेश सहित तीन राज्यों से होकर गुजरेगी। इस परियोजना को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) के संयुक्त उपक्रम के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें IOCL की 50% और BPCL एवं HPCL की 25-25% हिस्सेदारी होगी।
यह पाइपलाइन प्रति वर्ष 8.25 मिलियन टन एलपीजी की आपूर्ति करने में सक्षम होगी, जो देश की कुल एलपीजी मांग का लगभग 25% है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य एलपीजी परिवहन को सुरक्षित, पर्यावरण अनुकूल और कुशल बनाना है, जिससे टैंकरों पर निर्भरता कम होगी और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार आएगा। पाइपलाइन मार्ग में आने वाले विभिन्न बॉटलिंग प्लांट्स को जोड़ा जाएगा, जिससे घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को निर्बाध गैस आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
एलपीजी की बढ़ती मांग और वितरण में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, यह परियोजना देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, टैंकर ट्रांसपोर्ट की तुलना में पाइपलाइन परिवहन लागत को कम करेगा और ईंधन खपत एवं कार्बन उत्सर्जन में भी कमी लाएगा। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से उत्तर भारत में एलपीजी की उपलब्धता में सुधार होगा और उद्योगों तथा घरों में निर्बाध गैस आपूर्ति सुनिश्चित होगी। कांडला-गोरखपुर एलपीजी पाइपलाइन भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है, जो भविष्य में देश की आर्थिक और औद्योगिक प्रगति को गति देगा।