बलूचिस्तान के नोशकी जिले में रविवार को पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आत्मघाती कार बम हमला हुआ। इस हमले की ज़िम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है। बीएलए की मजीद ब्रिगेड और फतेह दस्ते ने इस हमले को अंजाम दिया, जिसमें आठ बसों के काफिले को निशाना बनाया गया।
90 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा
बीएलए ने दावा किया है कि इस आत्मघाती हमले में 90 पाकिस्तानी सैन्यकर्मी मारे गए हैं। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने केवल पांच अधिकारियों और दो नागरिकों की मौत की पुष्टि की है, जबकि दस अन्य घायल हुए हैं।
हमले के बाद मुठभेड़ और तनावपूर्ण स्थिति
हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के बीच गोलीबारी हुई। बीएलए ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें हमले के दृश्य दिखाए गए हैं।
बलूचिस्तान में क्यों बढ़ रहे हैं हमले?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा और कम आबादी वाला प्रांत है। यहां लंबे समय से अलगाववादी आंदोलन जारी है। बलूच लिबरेशन आर्मी जैसे विद्रोही संगठन प्रांत की स्वतंत्रता की मांग करते हैं। इन संगठनों का आरोप है कि पाकिस्तानी सरकार प्रांत के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है और स्थानीय लोगों के साथ भेदभाव कर रही है।
पाकिस्तानी सेना के अभियान और विद्रोह
पाकिस्तानी सेना ने विद्रोही संगठनों के खिलाफ कई अभियानों को अंजाम दिया है। इसके बावजूद हाल के वर्षों में बीएलए के हमले और तेज़ हो गए हैं, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ रही है।