भारत-ईयू रणनीतिक समकालना: वैश्विक स्थिरता और समृद्धि की दिशा में एक नया अध्याय
जैसे आकाश में ग्रहों की सुंदर समकालना एक दुर्लभ और आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करती है, वैसे ही भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के संबंधों में हाल के वर्षों में एक नई समकालना देखी गई है। यह समकालना न केवल दोनों पक्षों के आपसी हितों को प्रतिबिंबित करती है, बल्कि वैश्विक परिदृश्य में उनकी संयुक्त भूमिका को भी उजागर करती है।
रणनीतिक साझेदारी की यात्रा
2000 में भारत और ईयू के बीच रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी गई थी, लेकिन प्रारंभिक वर्षों में यह मुख्यतः व्यापार और सांस्कृतिक मुद्दों पर केंद्रित रही। हालांकि, वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में परिवर्तन, जैसे चीन की बढ़ती सक्रियता और अमेरिकी राजनीति में अनिश्चितता, ने दोनों पक्षों को एक-दूसरे के साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता का एहसास कराया। इस संदर्भ में, नवंबर 2018 में ईयू ने भारत के प्रति अपनी नई रणनीति बनाई, जिसमें सहयोग के क्षेत्रों का विस्तार किया गया और रणनीतिक साझेदारी को सशक्त करने के लिए एक ठोस रूपरेखा तैयार की गई।
नवाचार और सतत विकास पर फोकस
ईयू की नई नीति के तहत, सतत आधुनिकीकरण के माध्यम से समृद्धि प्राप्त करने पर जोर दिया गया है। इसमें निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं:
- हरित तकनीक और जलवायु सहयोग: भारत और ईयू मिलकर नवीकरणीय ऊर्जा, कार्बन न्यूनीकरण और हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
- डिजिटल समाधान और डेटा सुरक्षा: भारत की डिजिटल क्रांति के साथ ईयू की डेटा सुरक्षा और साइबर सहयोग रणनीतियों का तालमेल नई संभावनाएँ खोल रहा है।
- अवसंरचना विकास और व्यापार विस्तार: दोनों पक्षों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए निवेश और लॉजिस्टिक्स को प्राथमिकता दी जा रही है।
बहुपक्षीय सहयोग और वैश्विक नेतृत्व
भारत और ईयू दोनों संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन के साथ मिलकर बहुपक्षवाद के सशक्त रक्षक हैं। यह साझेदारी वैश्विक चुनौतियों, जैसे जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद और मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए मिलकर कार्य करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
निष्कर्ष
जैसे ग्रहों की समकालना एक नई ऊर्जा और संभावना का प्रतीक होती है, वैसे ही भारत और यूरोपीय संघ के बीच यह रणनीतिक समकालना वैश्विक स्थिरता, समृद्धि, और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह साझेदारी न केवल दोनों पक्षों के लिए लाभकारी है, बल्कि विश्व के लिए भी एक सकारात्मक संदेश देती है।