लंदन दौरे के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर को एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन का सामना करना पड़ा, जब खालिस्तानी समर्थकों के एक छोटे समूह ने उनके काफिले को रोकने की कोशिश की और भारतीय ध्वज का अपमान किया। यह घटना ब्रिटिश सुरक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करती है।

5 मार्च 2025 को लंदन के चैथम हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान महज 10-12 प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। जब जयशंकर कार्यक्रम से बाहर निकले, तब एक प्रदर्शनकारी सुरक्षा बैरिकेड को पार कर उनके वाहन के पास पहुंच गया और भारतीय ध्वज को फाड़ दिया। यह पूरी घटना ब्रिटिश पुलिस की मौजूदगी में हुई, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह ब्रिटेन की कूटनीतिक सुरक्षा जिम्मेदारियों का उल्लंघन है। भारत ने ब्रिटिश सरकार से अनुरोध किया कि वह खालिस्तानी अलगाववादियों की गतिविधियों पर रोक लगाए और ऐसी घटनाओं को दोहराने से रोके।

यह कोई पहली घटना नहीं है। मार्च 2023 में भी खालिस्तानी समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हमला किया था और भारतीय ध्वज को हटा दिया था। इसके बावजूद, ब्रिटिश सरकार ने इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया।

यह घटना ब्रिटेन के दोहरे मापदंड को उजागर करती है, जहां एक ओर वह “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” का हवाला देकर खालिस्तानी समर्थकों को खुली छूट देता है, वहीं दूसरी ओर, जब अन्य देशों में सुरक्षा उल्लंघन होते हैं, तो वह कठोर प्रतिक्रिया देता है।

भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह विदेशों में अपने नेताओं और दूतावासों की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगा। ब्रिटेन सरकार को चाहिए कि वह इस तरह की चरमपंथी गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न दोहराई जाएँ।

 

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