तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम : फणीश्वरनाथ रेणु |Teesri Kasam/Maare Gaye Gulfam : Phanishwar Nath Renu
हिरामन गाड़ीवान की पीठ में गुदगुदी लगती है… पिछले बीस साल से गाड़ी हाँकता है हिरामन। बैलगाड़ी। सीमा के उस…
गुलकी बन्नो (कहानी) : धर्मवीर भारती |Gulki Banno (Hindi Story) : Dharamvir Bharati
‘‘ऐ मर कलमुँहे !’ अकस्मात् घेघा बुआ ने कूड़ा फेंकने के लिए दरवाजा खोला और चौतरे पर बैठे मिरवा को…
परिंदे(कहानी):निर्मल वर्मा| Parinde(Hindi Story):Nirmal Verma
अँधियारे गलियारे में चलते हुए लतिका ठिठक गई। दीवार का सहारा लेकर उसने लैंप की बत्ती बढ़ा दी। सीढ़ियों पर…
बादलों के घेरे : कृष्णा सोबती |Badlon Ke Ghere : Krishna Sobti
भुवाली की एक छोटी सी कॉटेज में लेटा-लेटा मैं सामने के पहाड़ देखता हूँ। पानी भरे, सूखे-सूखे बादलों के घेरे…
भारत दुर्दशा(नाटक) : भारतेंदु हरिश्चंद्र |Bharat Durdasha(Hindi Play) : Bharatendu Harishchandra
भारतदुर्दशा पहला अंक मंगलाचरण जय सतजुग-थापन-करन, नासन म्लेच्छ-आचार। कठिन धार तरवार कर, कृष्ण कल्कि अवतार ।। स्थान – बीथी (एक…
स्कंदगुप्त (नाटक) : जयशंकर प्रसाद | Skandagupta (Play) : Jaishankar Prasad
पात्र पुरुष-पात्र स्कंदगुप्त– युवराज (विक्रमादित्य) कुमारगुप्त– मगध का सम्राट गोविन्दगुप्त– कुमारगुप्त का भाई पर्णदत्त– मगध का महानायक चक्रपालित– पर्णदत्त का…
आषाढ़ का एक दिन (नाटक) : मोहन राकेश| Ashadh Ka Ek Din (Hindi Play) : Mohan Rakesh
पात्र परिचय अंबिका : ग्राम की एक वृद्धा मल्लिका : वृद्धा की पुत्री कालिदास : कवि दंतुल : राजपुरुष मातुल…
एक और ज़िंदगी (कहानी) : मोहन राकेश |Ek Aur Zindagi (Hindi Story) : Mohan Rakesh
…और उस एक क्षण के लिए प्रकाश के हृदय की धडक़न जैसे रुकी रही। कितना विचित्र था वह क्षण—आकाश से…
यही सच है (कहानी) : मन्नू भंडारी | Yehi Sach Hai (Hindi Story) : Mannu Bhandari
कानपुर सामने आँगन में फैली धूप सिमटकर दीवारों पर चढ़ गई और कंधे पर बस्ता लटकाए नन्हे-नन्हे बच्चों के झुंड-के-झुंड…
चीफ की दावत (कहानी) : भीष्म साहनी | Chief Ki Dawat(Story) :Bhisham Sahni
आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ की दावत थी। शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को पसीना पोंछने की फुर्सत न थी।…