उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हाल के वर्षों में अवसंरचना विकास के कई महत्वपूर्ण प्रयास हुए हैं, लेकिन शहर की यातायात व्यवस्था में अभी भी कई खामियाँ बनी हुई हैं। राज्य में कई महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे बनाए गए हैं, जिनसे लखनऊ को आगरा, पूर्वांचल, और अन्य क्षेत्रों से जोड़ा गया है, लेकिन शहर के भीतर इन एक्सप्रेसवे की प्रभावी कनेक्टिविटी की कमी है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, जो 302 किलोमीटर लंबा है और यात्रा के समय को 6 घंटे से घटाकर लगभग 3.5 घंटे करता है, लखनऊ शहर से सीधे जुड़ा नहीं है, जिससे यात्रियों को शहर के अंदरूनी हिस्सों में पहुँचने में कठिनाई होती है। इसी प्रकार, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे भी लखनऊ से सीधे जुड़ने में असमर्थ प्रतीत होता है, जिससे इसके पूरे लाभ को प्राप्त करने में कठिनाइयाँ आती हैं।
लखनऊ में 104 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शहर के अंदर यातायात जाम को कम करना है, लेकिन इस रिंग रोड की विभिन्न एक्सप्रेसवे के साथ प्रभावी कनेक्टिविटी नहीं है। यदि आउटर रिंग रोड को इन एक्सप्रेसवे से सीधे जोड़ा जाता, तो ट्रैफिक को बेहतर ढंग से डायवर्ट किया जा सकता था और शहर के अंदर वाहनों का दबाव काफी कम हो सकता था। इस कमी के कारण अभी भी आउटर रिंग रोड अपनी पूरी क्षमता के अनुसार कार्य नहीं कर पा रही है, और शहरी यातायात व्यवस्था पर अधिक भार बना हुआ है।
शहर में कई जगहों पर फ्लाईओवर की योजना भी अव्यवस्थित नजर आती है। बीबीडी यूनिवर्सिटी के पास अत्यधिक ट्रैफिक दबाव होने के बावजूद यहाँ फ्लाईओवर नहीं बनाया गया है, जिससे वाहनों को जाम का सामना करना पड़ता है। दूसरी ओर, डिवाइन हार्ट हॉस्पिटल के पास जो फ्लाईओवर बनाया गया है, वह उचित योजना के बिना निर्मित होने के कारण ट्रैफिक प्रबंधन में प्रभावी साबित नहीं हो रहा है और यहाँ भी जाम की स्थिति बनी रहती है। इसके अतिरिक्त, लखनऊ की इनर रिंग रोड, जिसका निर्माण लगभग 15 वर्ष पूर्व हुआ था, वर्तमान में बढ़ते ट्रैफिक दबाव के कारण अपर्याप्त सिद्ध हो रही है। यहाँ भी अब जाम लगने की समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे इसका उन्नयन और विस्तार आवश्यक हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहरी यातायात को सुचारू करने के लिए इनर रिंग रोड के विस्तार और अन्य शहरों में नई रिंग रोड बनाने की योजना बनाई है, लेकिन जब तक रिंग रोड और एक्सप्रेसवे के बीच प्रभावी कनेक्टिविटी नहीं होगी, तब तक यह समाधान अधूरा ही रहेगा। लखनऊ की अवसंरचना में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण विकास हुए हैं, लेकिन कुछ मूलभूत समस्याएँ अभी भी बनी हुई हैं। एक्सप्रेसवे की सीमित शहरी कनेक्टिविटी, आउटर रिंग रोड का अधूरा जुड़ाव, फ्लाईओवर की असंगत योजना और रिंग रोड की अव्यवस्था जैसे मुद्दों का समाधान करने के लिए समग्र और दीर्घकालिक योजना की आवश्यकता है। साथ ही, भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अवसंरचना विकास में स्थिरता और समग्रता सुनिश्चित करना आवश्यक है, जिससे लखनऊ के नागरिकों को बेहतर यातायात सुविधा और जीवन गुणवत्ता मिल सके।