गोरखपुर जनपद 25 डिग्री 51’ उत्तर व 26 डिग्री 30 ‘ उत्तर अक्षांश तथा 83 डिग्री 25’ पूर्व व 84 डिग्री 20’ पूर्व देशांतर के मध्य उत्तर प्रदेश की उत्तरी पूर्वी सीमा के सन्निकट स्थित है.
नाथ परम्परा के अलौकिक संत साधक गुरु श्री गोरक्षनाथ की पावन साधना स्थली होने के कारण ही इसका नाम गोरखपुर पड़ा एवं इसी कारण से ही यह देश देशान्तर में सुविख्यात है |किसी समय पहले इसमे काफी लम्बा चौड़ा भू –भग समाहित था, परन्तु कालान्तर में यह महाजनपद अनेक जनपदों में विभाजित हो गया |
सन् 1801 में एस परिक्षेत्र के अवध के नवाब से ईस्ट इंडिया कम्पनी को स्थान्तरित होने के समय इराकी उत्तरी सीमा नेपाल में बुटवल तक , पूर्वी सीमा बिहार राज्य की सीमा से ,दक्षिण में जौनपुर ,गाजीपुर व फैजाबाद तथा पश्चिमी सीमा गोंडा व बहराईच से मिलती थी।
जनपद में वर्मातन समय में 7 तहसीले – सदर ,कैम्पियरगंज ,चौरीचौरा ,सहजनवा ,खजनी ,बांसगांव व गोला है। राप्ती ,घाघरा ,रोहित ,आमी ,कुआना ,तथा गोर्रा जनपद में प्रवाहित होने वाली प्रमुख नदियां है।