पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की बड़ी खोज: दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया के खिलाफ नया हथियार

पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन में पाया है कि कुछ घातक बैक्टीरिया ने रोगाणुरोधी दवाओं का उत्पादन करने और अपने प्रतिस्पर्धी बैक्टीरिया को नष्ट करने की क्षमता विकसित कर ली है। यह खोज अस्पतालों में दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया के प्रसार को समझने में अहम भूमिका निभा सकती है।

वैनकॉमाइसिन-प्रतिरोधी एंटरोकॉकस फेसियम (VREfm) पर अध्ययन

शोधकर्ताओं ने विशेष रूप से वैनकॉमाइसिन-प्रतिरोधी एंटरोकॉकस फेसियम (VREfm) पर ध्यान केंद्रित किया, जो कि वैनकॉमाइसिन एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोधी है। VREfm संक्रमण से पीड़ित लगभग 40% मरीजों की मृत्यु हो जाती है, खासकर वे जो प्रतिरक्षाविहीन होते हैं या अस्पताल में भर्ती होते हैं।

बैक्टीरियोसिन का उपयोग कर प्रतिस्पर्धा में बढ़त

अध्ययन में पाया गया कि 2017 से 2022 के बीच VREfm उपभेदों की विविधता घटकर दो प्रमुख उपभेदों तक सीमित हो गई। इन उपभेदों ने बैक्टीरियोसिन नामक रोगाणुरोधी पदार्थों का उत्पादन करने की क्षमता विकसित की, जिससे वे अन्य VREfm उपभेदों को नष्ट कर सके और प्रमुख बन सके।

नए उपचार और संभावनाएं

यह खोज भविष्य में नए उपचार विकसित करने के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि एंटीबायोटिक्स या फेज थेरेपी जैसे उपचार इन प्रमुख उपभेदों को लक्षित कर सकते हैं। साथ ही, बैक्टीरियोसिन की शक्ति को देखते हुए, चिकित्सा उद्देश्यों के लिए इनका उपयोग करने की संभावनाएं भी तलाशी जा सकती हैं।

नियोधि मीडिया संघ

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