लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। अब यह शहर तकनीकी नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ को देश की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिटी के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर करना है। इस परियोजना के लिए 5 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें एआई रिसर्च, स्टार्टअप्स और डेटा एनालिटिक्स से जुड़े कार्य शामिल होंगे। यह पहल लखनऊ को आईटी सेक्टर का एक प्रमुख केंद्र बनाने में सहायक होगी, जिससे युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
लखनऊ में पहले से ही 800 से अधिक टेक्नोलॉजी व्यवसाय और 200 से अधिक टेक स्टार्टअप्स सक्रिय हैं। एचसीएल और टीसीएस जैसी प्रमुख आईटी कंपनियों की उपस्थिति शहर के तकनीकी वातावरण को और सशक्त बनाती है। लगभग 75,000 से अधिक तकनीकी पेशेवरों की मौजूदगी और 82.5% की वयस्क साक्षरता दर लखनऊ को एआई सिटी के रूप में विकसित करने के लिए उपयुक्त बनाती है। इसके अलावा, टियर-1 शहरों की तुलना में यहां ऑफिस स्पेस 40-50% सस्ता है, जो निवेशकों के लिए आकर्षक है।
शहर में सिफी टेक्नोलॉजीज द्वारा 1000 करोड़ रुपये का निवेश कर चकगजरिया क्षेत्र में एक हाईपर स्केलर डेटा सेंटर स्थापित किया जा रहा है, जो उत्तर प्रदेश में टेक सेक्टर को और मजबूती प्रदान करेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल से लखनऊ न केवल एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में, बल्कि एक तकनीकी हब के रूप में भी उभरेगा, जो राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।