खोई हुई दिशाएं (कहानी) : कमलेश्वर | Khoyi Huei Dishayan(Story) :Kamleshwar
सड़क के मोड़ पर लगी रेलिंग के सहारे चंदर खड़ा था। सामने, दाएँ-बाएँ आदमियों का सैलाब था। शाम हो रही…
जिन्दगी और जोंक(कहानी) : अमरकान्त |Zindagi Aur Jonk (Story) : Amarkant
मुहल्ले में जिस दिन उसका आगमन हुआ, सवेरे तरकारी लाने के लिए बाज़ार जाते समय मैंने उसको देखा था। शिवनाथ…
बड़े घर की बेटी (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद |Bade Ghar Ki Beti (Hindi Story) : Munshi Premchand|
बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गाँव के जमींदार और नम्बरदार थे। उनके पितामह किसी समय बड़े धन-धान्य संपन्न थे। गाँव का पक्का…
रानी सारन्धा (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद | Rani Sarandha (Hindi Story) : Munshi Premchand |
अँधेरी रात के सन्नाटे में धसान नदी चट्टानों से टकराती हुई ऐसी सुहावनी मालूम होती थी जैसे घुमुर-घुमुर करती हुई…
निमंत्रण (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद | Nimantran (Hindi Story) : Munshi Premchand |
पंडित मोटेराम शास्त्री ने अंदर जा कर अपने विशाल उदर पर हाथ फेरते हुए यह पद पंचम स्वर में गाया,…
सद्गति (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद| Sadgati (Hindi Story) : Munshi Premchand |
दुखी चमार द्वार पर झाड़ू लगा रहा था और उसकी पत्नी झुरिया घर को गोबर से लीप रही थी। दोनों…
सभ्यता का रहस्य (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद | Sabhyata Ka Rahasya (Hindi Story) : Munshi Premchand |
यों तो मेरी समझ में दुनिया की एक हजार एक बातें नहीं आती—जैसे लोग प्रात:काल उठते ही बालों पर छुरा…
शतरंज के खिलाड़ी (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद|Shatranj Ke Khiladi (Hindi Story) : Munshi Premchand|
वाजिदअली शाह का समय था। लखनऊ विलासिता के रंग में डूबा हुआ था। छोटे-बड़े, अमीर-गरीब, सभी विलासिता में डूबे हुए…
दूध का दाम (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद|Doodh Ka Daam (Hindi Story) : Munshi Premchand|
अब बड़े-बड़े शहरों में दाइयाँ, नर्सें और लेडी डाक्टर, सभी पैदा हो गयी हैं; लेकिन देहातों में जच्चेखानों पर अभी…
मुफ्त का यश (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद|Muft Ka Yash (Hindi Story) : Munshi Premchand|
उन दिनों संयोग से हाकिम-जिला एक रसिक सज्जन थे। इतिहास और पुराने सिक्कों की खोज में उन्होंने अच्छी ख्याति प्राप्त…