हाल ही में, कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की फिटनेस और कप्तानी पर टिप्पणी की, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। उन्होंने रोहित शर्मा को ‘मोटा’ और ‘अप्रभावी कप्तान’ कहा, जो कई लोगों को आपत्तिजनक लगा। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने इस टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस तरह की तुच्छ टिप्पणियाँ टीम के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस बयान से दूरी बनाते हुए शमा मोहम्मद को अपनी पोस्ट हटाने का निर्देश दिया। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने स्पष्ट किया कि यह टिप्पणी पार्टी की आधिकारिक राय नहीं है और कांग्रेस खेल जगत के नायकों के योगदान को सर्वोच्च सम्मान देती है।
यह घटना इस ओर संकेत करती है कि राजनीति में असहमति व्यक्त करने के प्रयास में कुछ नेता अनावश्यक रूप से खेल और खिलाड़ियों को निशाना बना रहे हैं, जिससे खेल भावना आहत हो रही है। खिलाड़ी अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर आगे बढ़ते हैं, जबकि नेताओं की ऐसी टिप्पणियाँ उनकी छवि और मनोबल को प्रभावित करती हैं।
आवश्यक है कि राजनीतिक नेता अपनी जिम्मेदारियों को समझें और सार्वजनिक मंचों पर संयमित भाषा का प्रयोग करें, ताकि समाज में सकारात्मक संदेश जाए और खेल भावना बनी रहे।